Wednesday, July 24, 2013

Our latest trip to Dalhousie


Our latest trip to Dalhousie

 डलहौज़ी हमारा अगला पड़ाव था ! देर रात वह पहुचे तो वहां की सर्द हवाओ ने हमारा स्वागत झूम झूम के किया I





धौलाधार और पीर पंजाल पर्वतमाला के मध्य बसे, यह अति सुंदर घाटी का सबसे लोकप्रिय पहाड़ी शहर डलहौज़ी एक सुंदर पर्यटन स्थल है जो चारो तरफ से आलीशान पाइंस, बांज और कई फूलों से सजा है 




यहाँ की हवाओं में, फिज़ाओं में एक अलग ही खुशबू थी !
ताज़गी सासों के साथ पुरे दिलों-दिमाग पर छा गयी थी !



  डलहौज़ी मार्किट में तरह तरह के कलात्मक हस्तशिल्प की वस्तुए देखने को मिली,यहाँ के पहाड़ी अचारभी बहुत स्वादिष्ट थे



काश कोई इसे काला खट्टा बना दे … 








डलहौजी से खज्जियार के रास्ते में, बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखला देखी, जिसे देखने में परम आनंद की अनुभूति हुई 



उफ्फ ! ये हसीं वादियाँ, 
मन क्यूँ न उलझ जाए यहाँ

मस्त हवाओं में ऊँची उड़ान उड़ता मस्त पंछी 
बिलकुल मेरे इधर उधर उड़ते प्यारे ख्यालों की तरह … 

                        

"भूत बंगला"  के नाम से मशहूर है ये बंगला ! कहते है रात को यहाँ जंगली खूंखार जानवर भी आते है ज्यादा डराने के "भूत बंगला"  के नाम से मशहूर है ये बंगला ! कहते है रात को यहाँ जंगली खूंखार जानवर भी आते है ज्यादा डराने के 
लिए ……… 


तो इस तरह हमारा खज्जियार-डलहौजी का सुहाना सफ़र अपने अंतिम मुकाम तक आ पहुचां, दोस्तों आपको भी मज़ा आया न इस सफ़र का  ? और जो घूम चुके उनकी यादें ताज़ा हो गयी होंगी है ना … 

तो अगली पोस्ट तक लिए ……… 

Sayonara  
:)